Click here for Myspace Layouts

बुधवार, 4 जनवरी 2012

जब हम कुछ दिन बाद मिले थे .........




जब हम कुछ दिन बाद मिले थे 

 
मेरी प्रतीक्षा में तुम रत थे
नयन तेरे कितने विह्वल थे


एक-दूजे को देख हमारे ,मन में कितने दीप जले थे

जब हम कुछ दिन बाद मिले थे  

 

मै आया जब पास तुम्हारे
कम्पित तन-मन हुये हमारे

 
अपलक तक नयनों से मुझको ,तुमने कितने प्रश्न किये थे


जब हम कुछ दिन बाद मिले थे 

 
क्षण भर का एकांत देख कर
वक्ष-स्थल से मेरे लग कर


तेरी उर धड़कन ने मुझस ,जीवन के प्रति-क्षण मागें थे

जब हम कुछ दिन बाद मिले थे

विक्रम


2 टिप्‍पणियां:

मनोज कुमार ने कहा…

यह रचना मन को स्‍फूर्तिमय बना गई ।

dinesh aggarwal ने कहा…

अप्रतिम प्रेम से लवलेश रचना।